संतोष केसरी उत्तर प्रदेश के सुदूर गांव में रहते हैं जोकि मध्य प्रदेश बॉर्डर से सटा हुआ है बहुत दूर होने की वजह से वहां बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं थी संतोष जी वहां आटा चक्की और तेल निकालने का कोल्हू चलाते थे वह भी डीजल इंजन से, लगभग 2 साल पहले तक संतोष को हर महीने डीजल पर एक मोटी रकम चुकानी पड़ती थी इसकी वजह से उनकी कड़ी मेहनत का ज्यादातर हिस्सा डीजल में निकल जाया करता था संतोष जी परेशान तो बहुत थे, पर कुछ कर नहीं पा रहे थे, उन्हें कुछ उपाय नहीं सूझ रहा था, संयोग बस एक दिन वह अपने किसी रिश्तेदार के यहां मिलने के लिए राजगढ़ गए वहां उनको पता चला कि पड़ोस के गांव में कोई चक्की वाले हैं जो कि सोलर से अपनी चक्की चला रहे हैं, संतोष जी कौतूहल बस उनसे मिलने के लिए चल दिए वहां पहुंचने पर जब उन्होंने सोलर से चक्की और कोल्हू को एक साथ चलते हुए देखा तो एक पल के लिए उन्हें अपने आंखों पर भरोसा नहीं हुआ परंतु चक्की के मालिक धर्मेंद्र गुप्ता जी से जब बातचीत हुई और उन्होंने पूरी तरह से सोलर चक्की के काम को और उपयोगिता को समझा तब उन्हें बहुत खुशी हुई क्योंकि उनके एक बहुत ही भारी समस्या का उपाय मिल गया था. उन्होंने धर्मेंद्र जी का धन्यवाद दिया और पूछा कि आपने यह सोलर चक्की कहां से लगवाया है धर्मेंद्र गुप्ता जी ने संतोष जी को “आन्या ग्रीन एनर्जी” का पता और कांटेक्ट नंबर नोट कराया और संतोष जी से कहा कि एक बार आप ऑफिस जाकर पूरे सिस्टम को अच्छी तरह से समझ लें संतोष जी ने घर लौटने के बाद अपने बड़े भाई के साथ “आन्या ग्रीन एनर्जी” के ऑफिस आकर पूरी जानकारी ली और सब कुछ भली-भांति समझने के बाद उन्होंने सोलर चक्की लगाने का निर्णय लिया, हमारे प्रतिनिधि ने साइट निरीक्षण करने के बाद संतोष जी को बताया कि आपके घर औसतन 11 घंटे और 30 मिनट के प्रकाश के साथ सोलर एनर्जी सिस्टम की स्थापना के लिए एकदम सही होगा और सोलर चक्की लगाने के लिए एक रूपरेखा बनाकर संतोष जी को दीया,
सोलर आटा चक्की क्या है?
सोलर आटा चक्की में मुख्यतः सोलर पैनल और ड्राइव के अलावा कुछ और भी छोटे बड़े उपकरण लगते हैं जहां सोलर पैनल सूर्य से मिल रही धूप को डी.सी. पावर में बदल देते हैं, सोलर ड्राइव डी.सी. पावर को 3 phase एसी पावर में बदल देता है जिससे कि इलेक्ट्रिक मोटर चलती है और फिर बेल्ट की सहायता से चक्की और अन्य उपकरण चलने लगते हैं!
संतोष जी 15 हॉर्स पावर की मोटर से अपना स्पेलर और आटा चक्की के साथ एक छोटी मसाला पीसने की यूनिट भी चलाते हैं वह रोज 7 से 8 घंटे तक अपना काम बड़े आराम से कर लेते हैं. अब वह डीजल के पूरे पैसे बचा लेते हैं जिससे उनकी आमदनी में काफी इजाफा हो गया है डीजल लाने और मेंटेनेंस का खर्च भी लगभग खत्म हो गया है उनके समय की भी बचत हो रही है और वह ज्यादा काम कर पा रहे हैं जिससे कि ज्यादा मुनाफा ले रहे हैं साथ में डीजल इंजन से होने वाले भारी शोरगुल और प्रदूषण से भी मुक्ति मिल गई है संतोष जी अपनी सोलर चक्की से बहुत खुश हैं और हर किसी को सोलर अपनाने की सलाह दे रहे हैं ताकि उन्हीं की तरह वह लोग भी हर साल लाखों रुपए की बचत कर सकें,
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